नअलस एक यहूदी था जिससे हज़रत आयशा
हज़रत उस्मान को तशबीह दिया करती थी। वह रसूले इस्लाम सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि
वसल्लम के बाद फ़रमाया करती थीं कि इस नअसले इस्लामी उस्मान को क़त्ल कर
दो।
यही नअसल एक दिन हुज़ूर रसुले करीम
सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि वसल्लम की ख़िदमत में हाज़िर हो कर अर्ज़ करता है कि
मुझे अपने दीन अपने ख़ुदा और अपने ख़ुलफ़ा का तार्रुफ़ ?कराईये। अगर मै आपके जवाब
से मुतमइन हो गया, तो मुसलमान हो जाऊगा। हज़रत ने निहायत बलीग़ और बेहतरीन
अन्दाज़ में ख़ल्लाक़े आलम का तार्रुफ़ कराया। उसके बाद दीने इस्लाम की वजाहत की
???? ??
नअसल ने कहा आपने बिल्कुल दुरुस्द फ़रमाया। फ़िर उसने अर्ज़ किया मुझे अपने वसी
से आगाह किजिये और बताइये कि वह कौन है ?
आपने फ़रमाया मेरे वसी अली बिन अबी तालिब अलैहिस्सलाम और उनके फ़रज़ंद हसन
अलैहिस्सलाम व हुसैन
अलैहिस्सलाम के सुल्ब से नौ (9) बेटे क़ियामत तक होगें। उसने कहा सबके? नाम
बताइये ?
आपने बारह इमामों के नाम बताये। नामों को सुनने के बाद वह मुसलमान हो गया और कहने
लगा कि मैने आसानी किताबों में इन बारह नामों के इसी ज़बान के अल्फ़ाज़ में देखा
है। फ़िर उसने हर वसी के हालात बायन किये। कर्बला का होना वाला वाक़िया बताया।
इमाम महदी अलैहिस्सलाम की ग़ैबत की
ख़बर दी और कहा कि हमारे बारह इस्बात में से लादी बिन बरख़िया ग़ायब हो गये थे।
फ़िर मुद्दतों के बाद ज़ाहिर हुये और सरे नौ दीन की बुनियाद? को मज़बूत किया।
हज़रत ने फ़ारमाया हमारे बारहवें
जानशीन हज़रत इमाम मुहम्मद महदी बिन हसन अलैहिस्सलाम तवीलमुद्दत तक ग़ायब
रह कर ज़हूर करेगें और दुनिया को अदलो इन्साफ़ से भर देगें।