हज़रत इमाम
महदी (अज) की हुकूमत कीपहली विशेषता यह है कि वह हुकूमत ज़मीन के किसी एक
ख़ास हिस्से पर नही बल्कि पूरी दुनिया पर होगी।
इस बारे
में बहुत सी रिवायतें व आयते मौजूद हैं जिनमें से हम यहां सिर्फ़ एक आयत की तरफ़ इशारा
कर रहे हैं।
ان الارض یرثها عبادی
الصالحون .......
इसके अलावा
दूसरी आयतें भी हैं जो इस बात की तरफ़ इशारा करती हैं कि ेक ज़माने में नेक लोग
ज़मीन पर हाकिम होंगे।
उस कहूमत
की एक विशेषता, जो अन्य हुकूमतों से भिन्न है वह यह है कि पूरी दुनिया पर केवल एक
ही हुकूमत होगी, दुनिया की हुकूमत विभिन्न भागों में नही बटेगी।
हम शियों
का यही अक़ीदा है कि दुनिया की विभिन्न हुकूमतें समाप्त हों और एक इन्टरनेशनल
हुकूमत बने, जिसमें सबको समान अधिकार प्राप्त हो।
दूसरी
विशेषता
हज़रत इमाम
महदी (अज) की हुकूमत कीकी दूसरी विशेषता यह है कि उस समय में इस्लाम पूरी
दुनिया में फैल जायेगा, कोई बस्ती ऐसी नज़र न आयेगी जिससे अज़ान की आवाज़ न आये।
सवाल- उस
समय में अन्य आसमानी दीन जैसे यहूदी व ईसाई बाक़ी रहेंगे या नही ?
जवाब- अभी
हम इस बारे में बहस नही कर रहें हैं इसके बारे में बाद में बहस करेंगे अभी तो
सिर्फ़ हम यही बताना चाहते हैं कि इस्लाम पूरी दुनिया में फैल जायेगा।
आप सब
जानते हैं कि इस वक़्त दुनिया में मुसलमानों की आबादी कितनी है, आज दुनिया में 1/6 मुसलमान हैं। आज दुनिया का
ज़्यादा हिस्सा ग़ैर मुस्लिम लोगों के हाथ में है लेकिन हज़रत इमाम महदी (अज) की
हुकूमत के वक़्त पूरी दुनिया मुसलमानों के हाथ में होगी।
तीसरी
विशेषता
हज़रत इमाम
महदी (अज) की हुकूमत कीतीसरी विशेषता ज़ुल्म का मुक़ाबेला और उसको मिटाना है।
इस काम हज़रत को पूर्म रूप से कामयाबी मिलेगी। वह ज़मीन से ज़ुल्म को बिल्कुल मिटा
देंगे। रिवायतों में मिलता है कि हज़रत ज़ुल्म का सफ़ाया कर देंगे। न जनता एक
दूसरी पर ज़ुल्म करेगी और न हुकूमत जनता पर ज़ुल्म करेगी।
चौथी
विशेषता
हज़रत इमाम
महदी (अज) की हुकूमत की चौथी विशेषता यह है कि पूरी दुनिया में चारो तरफ़ न्याय
होगा, अन्याय का नाम व निशान मिट जायेगा। कोई किसी पर ज़ुल्म नही करेगा, ज़िन्दगी
के हर पहलु में न्याय ही न्याय नज़र आयेगा। रिवायतों में मिलता है कि हज़रत इमाम
महदी अलैहिस्सलाम ज़मीन को अद्ल व इंसाफ़ से उसी तरह भर देंगे, जिस तरह वह उनसे
पहले ज़ुल्म से भरी होगी।
पाँचवीं
विशेषता
हज़रत इमाम
महदी (अज) की हुकूमत की पाँचवीं विशेषता यह है कि वह इस्लाम को ज़िन्दगी के हर
पहलु में दाख़िल करेंगे। यानी पूरी दुनिया में इंसानों की ज़िन्जदगी में इस्लामी
क़ानून लागू होंगे। उस समय (सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक व .....) समस्त क्षेत्रों
में इस्लामी क़ानून व्याप्त होंगे।
इस प्रकार
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम पूरी दुनिया से ज़ुल्म मिटा कर अदालत के साथ हुकूमत
करेंगे और सबको उनके हक़ दिये जायेंगे।